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चट्टान किसे कहते हैं? | परिभाषा | प्रकार | chattan kise kahate hain

चट्टान किसे कहते हैं? स्थलमंडल का सबसे ऊपर भाग भूपर्पटी कहलाता है। यह पृथ्वी का सबसे महत्वपूर्ण भाग है; क्योंकि इसकी ऊपरी सतह पर मानव रहते हैं। जिन पदार्थों से भूपर्पटी बनी है, उन्हें शैल कहते हैं। शैलें विभिन्न प्रकार की होती हैं। शैलें ग्रेनाइट की तरह कठोर, चीका मिट्टी की तरह मुलायम अथवा बजरी के समान बिखरी होती है। शैलें विभिन्न रंग, भार और कठोरता लिए होती है। शैलें खनिजों से बनी हैं। वे एक या एक से अधिक खनिजों का मिश्रण हैं। दूसरी ओर खनिज एक या एक से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में मिलने से बने हैं। खनिजों में एक निश्चित रासायनिक संगठन होता है। भूपर्पटी 2000 से भी अधिक खनिजों से बनी है, परन्तु इनमें से केवल 6 खनिजों की अधिकता है। इन्हीं का पृथ्वी की ऊपरी परत के निर्माण में विशेष योग है। इन 6 खनिजों के नाम – फेल्सपार, क्वार्ट्स, पाइराक्सीन, एम्फीबोल, अभ्रक और ओलीबीन हैं। ग्रेनाइट एक कठोर शैल है। इसके निर्माणकारी खनिज क्वार्टज, फेल्सपार और अभ्रक हैं। इन खनिजों के अनुपात में भिन्नता होने से ग्रेनाइट के रंग और उसकी कठोरता में अन्तर आ जाता है। जिन खनिजों में धात्विक अंश होता है, उन्हे

भूकंप क्या है? भूकंप के कारण | bhukamp kya hai

भूकंप क्या है? पृथ्वी के धरातल का अचानक कंपन करना भू-कंप कहलाता है। अधिकांश भूकंप सूक्ष्म कंपन होते हैं। तीव्र भूकंप सूक्ष्म कंपन से प्रारंभ होकर उन कंपनों में बदल जाते हैं और विनाश कर देते हैं। भूकंप के झटके मात्र कुछ सेकण्ड के लिए आते हैं। भूकंप एक ऐसी अप्रत्याशित आकस्मिक घटना है जो अचानक ही उत्पन्न हो जाती है। भूकंप के झटके वर्ष के किसी भी महीने, महीने के किसी भी दिन और दिन के किसी भी समय में अचानक आ सकते हैं। भूकंप के झटके बिना चेतावनी के आते हैं। भूकंप की आशंकाओं को ज्ञात करने के लिए वैज्ञानिकों ने अथक प्रयत्न किया परंतु अभी तक इसका पूर्वाभास एवं भविष्यवाणी संभव नहीं हो पाया है। भूकंप विज्ञान भूकंप विज्ञान या सिस्मोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत जिसमें सिस्मोग्राफ द्वारा अंकित लहरों का अध्ययन किया जाता है। भूकंप का प्रभाव भू सतह के ऊपर होता है किंतु भूकंप की घटना भूसतह के नीचे होती है। जिस स्थान पर भूकंप की घटना प्रारंभ होती है, उस स्थान को भूकंप का उत्पत्ति केन्द्र या भूकंप मूल कहते हैं। यह भूगर्भ में स्थित वह स्थान होता है जहाँ से भूकंप से उत्पन्न लहरें प्रसारित होती

महासागर | महासागर कितने हैं? | महासागरों नाम |

महासागर | महासागर कितने हैं? | महासागरों नाम | महासागर महासागर जलमंडल के मुख्य भाग हैं। ये आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। महासागरीय जल हमेशा गतिशील रहता है। तरंगें, ज्वार-भाटा तथा महासागरीय धाराएँ महासागरीय जल की तीन मुख्य गतियाँ हैं। बड़े से छोटे आकार के आधार पर क्रमशः पांच महासागर प्रमुख हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर तथा आर्कटिक महासागर। 1. प्रशांत महासागर यह विश्व का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है, जिसकी आकृति त्रिभुज जैसा है। प्रशांत महासागर पृथ्वी के एक तिहाई क्षेत्रफल पर पश्चिम से पूर्व 16,000 किमी. चौड़ा तथा उत्तर में बेरिंग जलडमरूमध्य तथा दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप के मध्य 14,880 किमी. की लंबाई में एक त्रिभुजाकार रूप में फैला है। इसकी औसत गहराई 4,572 मीटर है। इसका क्षेत्रफल 16,57,23,740 वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर में बेरिंग जलडमरूमध्य, दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप, पूर्व में दक्षिणी तथा उत्तरी अमेरिका महाद्वीप तथा पश्चिम में एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया स्थित है। इसमें कई आंतरिक तथा सीमांत सागर जैसे बेरिंग सागर, जापान सागर, ओखोटस्क,